Thursday, July 28, 2011

PB INVITES VIEWS ON JOINT SEC. COMMITTEE REPORT


3 comments:

अभिनव अरुण said...

कुछ गतिविधियाँ इस अँधेरे में भी उजाले की किरण के सामान हैं | यथा सांगली में निबंधन | परन्तु अलग अलग खेमो के प्रयास जाया होंगे यदि हम एक मंच पर नहीं आये | हमारी पोल पहले से ही खुली हुई है | हम सदा दूसरों के टूल बने | और कुछ लोग तो अकेले भांड फोड़ने में लगे हैं | उन्हें भी शुभकामनाएं | हमें सांगली निबंधन का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए उसे राष्ट्रीय स्वरुप देते हुए सदस्यता अभियान चलाकर अपनी मांगे उचित मंच पर एक स्वर में रखनी चाहिए | मुझे अक्सर लगता है की अब से दो वर्ष पूर्व हम दिल्ली में दिसंबर मीटिंग से पहले बेहतर स्थिति में थे | और यह ब्लॉग उपयोगी साबित हो रहा था | ज्यादा जोगी की जगह ज्यादा मठ बन गए और जोगी तितर बितर हो गए | ..जागो तभी सवेरा | शुभकामनाये !!

Arjun Singh Ratnoo said...

अरुण जी, आपके सुझावानुसार हमें नई एसोसिएशन की सदस्यता बढ़ाकर इसे राष्ट्रीय स्वरुप देना चाहिए और यह जितना जल्दी हो बेहतर होगा एवं इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर खेमेबंदी स्वतः समाप्त हो जाएगी.

manish meena said...

Dear Ratnoo Ji and Arun ji,..!! i am agreed with you.
best regards,Manish Meena.\AIR,BANSWARA