tag:blogger.com,1999:blog-4371143197725130212.post3608614491011777346..comments2024-01-03T11:43:01.289+05:30Comments on ANNOUNCERS ASSOCIATION: REPRESENTATION FOR MACPArjun Singh Ratnoohttp://www.blogger.com/profile/09789611343556082978noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4371143197725130212.post-671075492816166132010-09-02T15:15:00.338+05:302010-09-02T15:15:00.338+05:30नूतन जी को ब्लॉग पर देख अच्छा लगा अन्य साथिओं से भ...नूतन जी को ब्लॉग पर देख अच्छा लगा अन्य साथिओं से भी यही अपेक्षा है की अपनी आवाज़ को उजागर करें और हर पक्ष पर दबाव बनायें. ब्लॉग पर रतनू जी का नया पोस्ट AAA और उसकी साईट व मंशा पर प्रश्न चिन्ह है .आशा है AAA लीडरशिप इसपर ध्यान देगा .मैं फिर कहूँगा हमें आपसी विवाद से बच कर लक्ष्य की ओर ध्यान देना चाहिए.यदि कोई प्रश्न है तो उसका उचित व्यक्ति को जवाब देना चाहिए .इधर NFADE का दिनांक ०८ अगस्त २०१० का पत्र मेरे सामने है जो आगे की रणनीति उजागर करता है .इसमें हमारे AAA के श्री चंद्रशेखर जी के हस्ताक्षर हैं सील के साथ .मैंने AAA की साईट पर भी इस बारे में कमेन्ट डाला है की जब NFADE हमारी मांगो पर ध्यान नहीं देता सिर्फ अपनी मांगो को लेकर आन्दोलन करता है तो फिर हम उनका साथ क्यों दें .वे लोग जब किसी मंत्री या अधिकारी से मिलते हैं तो अपने काडर की बात करते हैं .उनके साथ हमारा कोई प्रतिनिधि भी नहीं होता और न ही उनके अजेंडे में हमारी मांगे होती हैं. हम और तो और सामान्य से MACP से भी वंचित किये जा रहे हैं .मैंने डेढ़ दशक की यात्रा में जाना है की कुछ कैडर स्पष्ट रूप से नहीं चाहते की हम उनके समकक्ष रहें .हमें पीछे रख कर उन्हें संतोष मिलता है .यह इर्ष्या नहीं यथार्थ है.मगर रोने से क्या हासिल अपनी नैय्या हमने कई मौकों पर हमने खुद डुबोई है .अब भी संभले तो बड़ी बात होगी. साथियों को पुनः शुभकामनायें !!!<br />-अरुण पाण्डेय <br />वाराणसीअभिनव अरुणhttps://www.blogger.com/profile/14584383228744601711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4371143197725130212.post-24604752177265295442010-09-01T14:26:02.987+05:302010-09-01T14:26:02.987+05:30dostojanmashtmi auriid ki dher sari shubh kamnaye,...dostojanmashtmi auriid ki dher sari shubh kamnaye,iid ke baad dilli jayenge.apne state ke saare sathiyo ki cr ki stithi bataye.sare kagaz diili gaye ya nahi kripya batane ka kasht kare.email nutanji@rediffmail.comnutan vasisthanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4371143197725130212.post-25641538389237299372010-09-01T14:22:04.176+05:302010-09-01T14:22:04.176+05:30dosto jaisa gopal ne kaha kihum dilli gaye the, th...dosto jaisa gopal ne kaha kihum dilli gaye the, thik hai.nirash hone ki zaroorarat nahi hai.ddg ji se meeting ka parinam tha ki dusre din hi murcy josef naam ki mahil section me laga di gai.par haa ye zaroor hai ki jase baqiassociations ke logo neaage badh kar macp acp aur dpc ka kaam kiya hai hame bhi karna hoga.sara doshvibhag par daalne se acha hai ki hum khud ki ekta aur taqat ko pahchaneaur apne state se 3 4 logo ko aage badh kar yah kaam karne ko prerit kare.blog se kai mahatvapurn jankariya mil rahi hai unka labh uthaye.ek rahe hum qamyabi ke qafi qareeb hai.aaa zindabad nutan.ph.9415063343nutan vasisthanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4371143197725130212.post-86094640695664619852010-08-18T09:35:34.466+05:302010-08-18T09:35:34.466+05:30Dear friends ye sach hai ki hamesha ki tarha ye ta...Dear friends ye sach hai ki hamesha ki tarha ye tatha-katith neta dili ja ja ke apne kaam karte hain rishte-daaron se milte hain aur hum logo ki bhavnaon se khilwad karte hain yadi ye shahi work kar rhe hain to jo bhi hai sabke saamne rakh den ho sakta hai hum sab uska koi samadhaan nikal payen.lekin enke paas kuch nai hai so doston ab satark ho jayen and inki asliyat ko be-nquab kare....anandhttps://www.blogger.com/profile/07215420634684238710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4371143197725130212.post-61500100969890674532010-08-14T13:36:07.205+05:302010-08-14T13:36:07.205+05:30प्रिय दोस्तो,
विगत 09/08/2010 को मैं एसोसिएशन के स...प्रिय दोस्तो,<br />विगत 09/08/2010 को मैं एसोसिएशन के सचिव की हैसियत से नई दिल्ली (महानिदेशालय) गया था.लखनऊ से श्रीमति नूतन वशिष्ठ भी आई थीं. हम दोनों ने वहां पर डी डी जी(प्रशासन),डी डी ए (एस vii) तथा डी डी ए (sviii) से बातचीत की.बातचीत का विषय/मुद्दा उदघोषकों के सभी ग्रेड में एम ए सी पी का था,हमने उनसे इस विषय में हो रही देरी के कारण जानने चाहे तथा मेरे द्वारा इस सम्बन्ध में पूर्व में भेजे प्रतिवेदन पर कार्रवाई की बात की.<br /> मैंने इन सभी अधिकारियों से बातचीत के बाद महसूस किया है कि दिल्ली में उदघोषकों के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा.हमारे सेक्शन के डी डी ए साफ़ तौर पर कहते हैं कि उनके पास स्टाफ नहीं है और उदघोषकों को उनकी मदद करनी होगी.सेक्शन ऑफिसर ने बताया कि उन्हें बाहरी मदद की कोई ज़रूरत नहीं. <br />डी डी जी महोदय ने आश्वस्त किया कि सेक्शन से इस सम्बन्ध में कोई भी प्रस्ताव आते ही तुरंत कार्रवाई की जाएगी तथा staff shortage की बात निराधार है.साथ ही उन्होंने दूसरे दिन 10 /08 को 11 बजे अपने कक्ष में मीटिंग बुलाने की बात की तथा हमें भी आने को कहा.09 /08 की रात मैं वापस जयपुर लौट आया लेकिन लौटने से पहले नूतन जी तथा भोपाल से आये हमारे साथी श्री पुरुषोत्तम ने मुझे बताया कि वे अगले दिन की मीटिंग में डी डी जी कक्ष में उपस्थित रहेंगे.10 /08 की निर्धारित मीटिंग में क्या प्रगति हुई श्र्रीमति नूतन और श्री पुरुषोत्तम बेहतर जानते हैं.<br /> कुल मिलाकर मैं यह कह सकता हूँ कि महानिदेशालय में किसी को उदघोषक अथवा उसकी असोसिएशन की कतई परवाह नहीं, विशेष रूप से हमारे सेक्शन को जो एम ए सी पी संबंधी कोई भी ज़िम्मेदारी उठाने को ही तैयार नहीं तथा निकट भविष्य में इसके होने की कोई उम्मीद नहीं जब तक कि व्यक्तिगत रूप से आवेदन भेज कर सेक्शन को विवश न किया जाय.हम अपने कन्वीनर तथा अन्य पदाधिकारियों से यह पूछें कि उन्होंने इस सम्बन्ध में क्या किया है? अगर किया है तो वेबसाइट पर शो करें ताकि सब जान सकें.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/09316387483815329272noreply@blogger.com